कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण विमानों का परिचालन और ज्वेलरी शॉप बंद रहने से अप्रैल में भारत ने कम एक दशक में सबसे कम सोने का आयात किया। वित्त मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि पिछले महीने सोने का आयात 99.5 फीसदी घटकर महज 60 किलोग्राम रह गया। इससे एक महीने पहले मार्च में 13 टन सोने का आयात हुआ था। मेटल्स फोकस लिमिटेड के आंकड़ों के मुताबिक 2010 के बाद से यह अब तक का सबसे कम मासिक आंकड़ा है। पारंपरिक तौर पर भारत चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।
कम 3-5 महीने तक सोने के आयात में तेजी आने की संभावना नहीं
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश मल्होत्रा से इस पर टिप्पणी लेने के लिए संपर्क नहीं हो पाया। लंदन की कंपनी मेटल फोकस के सलाहकार चिराग सेठ ने मुंबई से फोन पर कहा कि कम से कम तीन से पांच महीने तक आयात में तेजी आने की संभावना नहीं है। कामगारों के अभाव में इस सेक्टर में मैन्यूफैक्चरिंग पर भी असर होना तय है। वायरस का संक्रमण फैलने और लॉकडाउन किए जाने से बड़े पैमाने पर कामगार शहरों से अपने गांव चले गए हैं।
जब तक वायरस का खतरा है, विमानों का परिचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद नहीं
जब तक वायरस फैलने का खतरा बना हुआ है, तब तक विमानों का परिचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद नहीं है। 25 मार्च के बाद से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। कई राज्यों ने इससे पहले ही लॉकडाउन लागू कर दिया था। देश की अर्थव्यसस्था को इससे बहुत बड़ा झटका लगा है। कई उद्योग बंद हो गए हैं। इसमें विमानन और रत्न व आभूषण उद्योग भी शामिल हैं। लॉकडाउन के कारण लोगों की आजीविका और कमाई भी प्रभावित हुई है।
पूरे साल में सोने का आयात आधा घटकर करीब 350 टन रह सकता है
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन एन अनंत पद्मनाभन ने कहा कि अप्रैल में सोने का नगण्य आयात हुआ, क्योंकि देश में अधिकतर सोना विमानों के जरिये लाया जाता है। मामूली मात्रा बांग्लादेश या नेपाल से सड़कों के जरिये आती है। उन्होंने कहा कि इस साल सोने का आयात आधा घटकर करीब 350 टन रह सकता है। इस दौरान स्लोडाउन से निपटने के लिए गोल्ड गिरवी रखकर लोन लेने की गतिविधियों में भारी तेजी देखी गई।